अरुणाचल प्रदेश में मौजूद ये जगह हैं किसी स्वर्ग जैसे, आप कब पहुँचेंगे?

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भारत के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित, अरुणाचल प्रदेश भारत के ‘सेवन सिस्टर’ राज्यों में से एक है. यह अपनी हरी-भरी घाटियों, बर्फ से ढकी चोटियों, जंगलों, विविध संस्कृति और समृद्ध विरासत का अनूठा संगम है. यह प्रदेश रोमांच, शांति और सांस्कृतिक अनुभव की तलाश करने वाले यात्रियों के लिए एक आदर्श स्थान है. इन सब ख़ूबियों के संकलन की वजह से ही अरुणाचल प्रदेश को पूर्वोत्तर भारत का आभूषण कहा जाता है. आज हम आपको अरुणाचल प्रदेश की 10 कुछ ऐसी जगहों के बारे में बतायेंगे जो आपको एक बार ज़रूर घूमना चाहिये.

सेला दर्रा

13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, सेला दर्रा बर्फ से ढकी चोटियों, क्रिस्टल क्लीयर झीलों और प्राचीन परिदृश्यों के लिये प्रसिद्ध है. यह दर्रा तिब्बती बौद्ध शहर तवांग को दिरांग और गुवाहाटी से जोड़ता है. इस क्षेत्र में लगभग 101 पवित्र झीलें मौजूद हैं.

पाखुई वन्यजीव अभयारण्य

पूर्वी हिमालय की तलहटी में स्थित यह अभयारण्य बंगाल टाईगर, हाथी और हॉर्नबिल सहित विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है. इस अभयारण्य में आप जंगल सफारी का आनंद लेने के साथ 300 से अधिक प्रजाति के पक्षी भी देख सकते हैं.

रोइंग

निचली दिबांग घाटी जिले में स्थित, रोइंग एक सुंदर शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पुरातात्विक स्थलों और पारंपरिक आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है. मेहाओ वन्यजीव अभयारण्य, मायोदिया दर्रा और भीष्मकनगर किला इस क्षेत्र के लोकप्रिय आकर्षणों में से हैं.

मेचुका

अरुणाचल प्रदेश के शियोमी जिले में स्थित मेचुका एक छिपा हुआ रत्न है जो अपने आश्चर्यजनक परिदृश्यों, प्राचीन नदियों और मोनपा आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है. यहाँ आप मनमोहक दृश्यों के बीच ट्रैकिंग कर सकते हैं और पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का लुफ़्त उठा सकते हैं. इस घाटी की सुंदरता के लिये इसे लोग नॉर्थ-ईस्ट इंडिया का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहते हैं.

आलो

अरुणाचल प्रदेश राज्य के पश्चिम सियांग ज़िले में सियांग नदी के तट पर स्थित, आलो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संतरे के बगीचों और आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. यह शहर आसपास की घाटियों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है और प्रकृति प्रेमियों और संस्कृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है. यह अरुणाचल प्रदेश का सबसे अधिक पर्यटकों वाला स्‍थान है.

तवांग

सुरम्य हिमालय के बीच स्थित, तवांग अपने राजसी तवांग मठ के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत में सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मठ है. तवांग की उत्तर-पूर्व दिशा में तिब्बत, दक्षिण-पश्चिम में भूटान और दक्षिण-पूर्व में पश्चिम कमेंग ज़िला स्थित है. बौद्ध संस्कृति और इतिहास में डूबा हुआ यह शहर बर्फ से ढकी चोटियों और माधुरी झील का मनमोहक दृश्य पेश करता है.

ज़ीरो वैली

यह अरुणाचल प्रदेश की सबसे ख़ूबसूरत घाटियों में से एक है. यह अपने हरे-भरे घास के मैदान, चावल के खेत और अद्वितीय अपातानी आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. यह घाटी संगीत समारोह की मेजबानी भी करती है, जो दुनिया भर के संगीत प्रेमियों को आकर्षित करती है. यहाँ आप ट्रैकिंग कर सकते हैं और पारंपरिक गांवों का भ्रमण कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं.

बोमडिला

हिमालय पर्वतमाला के बीच स्थित, बोमडिला अपने प्राकृतिक दृश्यों, बौद्ध मठों और सेब के बगीचों के लिए जाना जाता है. यह शहर कामेंग घाटी के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है यहाँ आप प्रकृति की विभिन्न रचनाओं का आनंद उठा सकते हैं.

दिरांग

यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कमेंग जिले में दिरांग नदी के किनारे स्थित एक आकर्षक हिल स्टेशन है. प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि से भरपूर यह हिल स्टेशन अपने गर्म पानी के झरनों, सेब के बगीचों और 500 साल पुराने दिरांग द्ज़ोंग किले के लिए प्रसिद्ध है.

नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान

भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक, नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान विविध वनस्पतियों और जीवों से भरपूर एक जैव विविधता वाला हॉटस्पॉट है. यह स्नो लेपर्ड, क्लाउडेड लेपर्ड और हूलॉक गिब्बन जैसी दुर्लभ प्रजातियों का घर है. यहाँ आप वन्यजीवों को देखने, ट्रैकिंग करने और बर्डवॉचिंग जैसे अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.